हवा हो गया
हवा हो गया
उतर गया खुमार पसीने से तरबतर
दहलीज़ पर जब तेरे मैं खड़ा हो गया
आप करो इबादत उन पत्थरों की
मिला मुझे वह इंसान ख़ुदा हो गया
कश्तियों के थपेड़े याद हैं आपकी
परछाईं से तूफ़ान हवा हो गया
कोई किसी को नहीं मिलता अचानक
साज़िश कायनात का सिलसिला हो गया
चलता रहा ज़िक्र ताउम्र महफ़िलों में
हाज़िर से समां मगर ख़ुशनुमा हो गया