Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

AVINASH KUMAR

Romance

4  

AVINASH KUMAR

Romance

हरपल रहे तुम्हें स्मरण

हरपल रहे तुम्हें स्मरण

1 min
431


एक आग है जो तुम्हारे हमारे प्रेम में

दहकती रहती है मेरे अंदर तेरे अंदर

मेरी भी अंगड़ाइयां मचलती हैं

तुम्हें भी करवटें जगातीं हैं

मेरे जिस्म के अंगारे दहकते हैं

मेरी आँखों में हो तुम हरदम

ज़िद पे रहता है कि हरपल हो सामने

अपने सिरहाने अपने सामने सिर्फ तुम चाहिए

मेरे जज़्बात में मेरे कल में मेरे आज में

बस हरपल हर जन्म में सिर्फ तुम हो मेरे साथ

ताकि सुकून से सिर्फ़ तुम्हें देख सकूं

पूरी हो जाएगी हमारी हर ख़्वाहिश

देख चुके होगे हमतुम दुनिया के हर सुख

कि इसके बाद तुम्हारे अंदर क्या रहा होगा

जिसे देखकर मैं उसको अधूरा समझूँ

और झोंक दूँ खुद को उसे पूरा करने में

तुम्हें मेरा दिया हुआ सुख हरपल रहे तुम्हें स्मरण

कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए

तो वो थोड़ा होगा.....



Rate this content
Log in