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anju Singh

Fantasy

4  

anju Singh

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होली

होली

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होली आई ! होली आई !

देखो वतन में प्रेम का रंग लाई,

आपस में प्रेम बाँटों ; 

रंग संग बाँटों मिठाई,

होली आई रे भाई ! होली आई !


होली आई रे ! भाई होली आई !

ना करो जात-पात में भेद-भाव 

चहुँ दिशाओं में प्रेम-भाव,

होली त्यौहार मनाओं,

सब तो हैं भाई-भाई -

एक हो जाओं हिन्दू - मुस्लिम - सिक्ख ईसाई।


होली आई रे ! होली आई !

देखो प्रेम का रंग लाई ;

होली त्यौहार आती,

वर्ष में एक बार -

रंग से मिटाओं नफरत,

करों आपस में प्यार,

होलिका  दहन अनल में,

मत्सर को जलाऐंगे ;

प्रेम रंग सब को लगाऐंगे।


होली खेलते नन्हें-मुन्हें -

मार रहे पिचकारी,

लग रहे कितनी प्यारी,

भाग -दौड़ हर तरफ शोरगुल हैं,

होली की रंग - बिरंगे में,

आज का दुनिया सजा है,

हर्ष-उल्लास बहुत मज़ा है,

बच्चें तो बाग का फूल है,

फूल को काँटो में खिलने देना है,

बाग को प्रेम रस से सिंच देना है।


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