राम जय राम
राम जय राम
राम नाम की लीला अति प्यारी है
सच्चाई पर विजय इन्होने पायी है
दिवाली का त्यौहार इनके घर आने पर हर्ष उल्लास में मनाया जाता है।
सीता को त्याग पर अपनी मर्यादा नही त्यागी है।
इनके गुन-गान सब गाए।
यही मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पहचान है
किसी का बुरा नहीं किया।
स्वभाव के बड़े ही धनी हैं
दिल से बड़े मनोहारी है
सबका दामन थामे रखते
किसी को कोई दु ख नही पहुंचाते है।
राम की लीला अति प्यारी है।
जो जाता इनकी शरण में
हर दुखों से दूर हो जाता है
इनकी लीला कोई नहीं समझ पाया
राम जी के चेहरे पर मुस्कान सी रहती है।
ये सत्य के बलिहारी और शिव के आराध्य है।
शिव आराधना करते इनकी। और ये शिव की
इनकी लीला अपरंपार है। ।