होली
होली
हुड़दंग मचाती टोली आई होली में हमारी,
रंगों के रस में डूबी लाये एक पिचकारी भारी,
आपस की दुश्मनी भी इसमें बन जाती है यारी,
गुलाल के विभिन्न रंगों में दुनिया रंग जाए सारी,
गुझिया व पकवान बनते इसमें होली पूजा नारी,
खुशी-उमंग का त्यौहार है सब करें मस्ती भारी,
मस्ती में हास्य कवि करते है कविताएँ जारी,
बुरा ना मानो होली है बोलकर कहते बातें सारी,
अपने तरह होली खेलने की करते हैं सब तैयारी।
