अंतरिक्ष
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष है अनंत अथाह,
इसके छुपे हुए राजों को जानना बाकी है।
चांद और मंगल पर पहुंचे हैं,
शुक्र पर पहुंचना बाकी है ।
अभी तो पंख ही फैलाए हैं,
पूरी उड़ान बाकी है।
मिशन आदित्य को पूरा कर,
अंतरिक्ष में परचम फहराना बाकी है।
ना समझो कमतर हमको,
सारी दुनिया को बताना बाकी है।