भाई की महिमा
भाई की महिमा
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आज है रक्षाबंधन अजब है खुमारी,
मनाने को इसे करके रखी है खूब तैयारी,
लगाई मेहंदी खरीदी राखी प्यारी,
चलती डाक से इसकी कर दी तुरंत फरारी,
भाई है दूर मिलने की है दुश्वारी,
पर वीडियो कॉल ने कुछ कम कर दी है दूरी,
भाई की मेरे महिमा है न्यारी,
एक ही पड़ता है पूरे सौ पर भारी,
रक्षा करता है बहनों की सारी,
मैं जाऊं उसके सदके बारी,
खुश रहे सदा तू जहां भी रहे परिवारी,
यही है बस रब से दुआ हमारी।
