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Sangita Ghosh

Drama

4.0  

Sangita Ghosh

Drama

होली

होली

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देखो रंग लिए कान्हा खेले होली।

लाल, नीले, पीले से भीगे राधा की चोली।


रंग लिए खेल रहा सारा वृन्दावन।

चारों ओर रंग ही रंग।


रंगीन सपनों की माला।

जहाँ देखो लाल, नीला, पीला।


राधा के गोरे गाल, कान्हा के रंगों से हुआ नीला।

राधा कृष्ण पर मानो आज लगा रंगों का मेला।


होली है रंगों का खेला।


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