होली पिया के संग
होली पिया के संग
हंस हंस के मैं रो पड़ी थी,
तूने पिया जब रंग लगाया था
गुलाबी रंग चढ़ने लगा तब,
तूने पिया जब अंग लगाया था,
हौले से गुदगुदाकर
प्यार का रंग चढ़ाकर
तू मेरे संग जो आया था,
सुर्ख लाल रंग में सजी थी ना
सतरंगी दुल्हनिया बनी थी ना,
याद है वो दिन जब तुझे अपना बनाया था,
नैनों में तेरे प्यार का आंनद था,
बाहों में तेरे ऐतबार का दामन था,
अंग अंग में पिया तू ही छाया था,
वो रातों में तुम्हारा गुनगुनाना,
मुझे देखकर तुम्हारा मुस्कुराना,
कुछ इस तरह पिया होली मनाया था,
वो अनुपम मिलन,
संग धरती गगन,
तारों की बारात सजाया था।

