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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"होली की बधाई हो"

"होली की बधाई हो"

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सब जन खिलखिलाकर हंसे

जैसे सावन मे बारिश बरसे

सबको होली की बधाई हो,

किसी की जिंदगी बेरंग न रहे


होली के रंगों में सब रंगे रहे

साथ प्रह्लाद की भक्ति याद रहे

भीतर से दुर्गुण होलिका जले

हर तरफ सत्य चराग जले

झूठ का तम, बस हाथ मले


सब लोग होली मिलकर खेले

किसी आंख मे गर आंसू रहे

फिर अपना क्या मतलब रहे

आसपास कोई गमगीन न रहे


हम सबका बस यह प्रयत्न रहे

हिंद में अमन, शांति बरकरार रहे

असामाजिक तत्वों से दूर रहे

अखंडता तोड़ने का यत्न करे

उसकी सब जन पिटाई करे


सबको होली की बधाई हो

सबकी, श्री हरि झोलियां भरे

असत्य का कहीं निशां न रहे

अपने आप को वो शीशा करे

बिम्ब क्या, प्रतिबिंब खुश रहे

सब आओ, ऐसा संकल्प करे


किसी भी जगह, झूठ जिंदा रहे

हर घट में सत्य दीप जलता रहे

इस होली हम इतने नेक बने

कमाल कर दिया, रब यह कहे

बड़े-बुजुर्गों का सर पर हाथ रहे


हम सब आज उनके चरण छुए

परिवार बिना कोई साथी न रहे

आओ, पूरी पृथ्वी परिवार करे

इस होली सब चेहरे, रंगीन रहे

इसके लिये, हाथों में गुलाल रहे


होली पर्व तब ही सार्थक होगा

बाहर क्या, भीतर भी रंग भरे

सब चेहरों पर मासूम हंसी रहे

बालाजी सबका ही भला करे

शत्रु को भी आज सब मित्र कहे

होली के दिन सब लोग गले मिले

कोई न आज के दिन मायूस रहे


आओ, सब मिलकर हम एक रहे

कोई भीतर, खुद को दीन न कहे

जो खुद को यहां अकेला कहे

उस पर स्नेह की बरसात करे

होली मनाने का तभी मजा है,


जब सब भाईचारे से होली खेले

बिन बंधुत्व के स्वर्ग भी नर्क बने

प्रेम से तो एक नर्क भी स्वर्ग बने

इस होली, विवादों की तोड़े बोली

भूले विवाद, सब में से हम बने


देश की उन्नति के वो काम करे

ख़ुदा हम पर बहुत नाज करे

सब जन खिलखिलाकर हंसे

दुआ, प्रार्थना में यही हाथ उठे।


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