हँसता बहुत हूँ
हँसता बहुत हूँ
हँसता बहुत हूँ रोता नहीं हूँ मैं
रात भर चैन से सोता नहीं हूँ मैं
जिसने मुझे देखा कम ही देखा
मैं बहुत हूँ थोड़ा नहीं हूँ मैं
मैं तो दरिया हूँ बहुत गहरा हूँ
बढ़ता ही जाता हूँ घटता नहीं हूँ मैं
तुम पास आते मुझे छू कर देखते
मैं फूल हूँ कोई काँटा नहीं हूँ मैं
तुमने क्या सोचा मैं टूट जाऊँगा
अकेला हूँ जानाँ तन्हा नहीं हूँ मैं
