सा रुक संभलकर सत्कार दरिया करो थोड़ा सा अकेला बहुत जाता हूँ प्यार दो फूल भावना रोड़ा जाएंगे मुस्कुराया रात सफलता हँसना इरादा

Hindi थोड़ा Poems