हमसफर
हमसफर
समंदर के लहरो सी,
लहराती हुई जिंदगी।
सम्हालते हुए चलते,
दो जीवनसाथी ।
कभी हँसते,कभी रोते।
आते हैं कभी बवंडर,
अनचाहे,जीवन में ।
कभी आते काले बादल ।
थोड़ा ड़रते तो हैं दोनो ।
फिर करते मुकाबला साथ साथ ।
हँसकर..मुस्कराकर,
छँटते हैं काले बादल,
समय के साथ ।
हमसफर का जो,
होता हैं साथ ।
संसार के इस सहजीवन में,
कभी शिकवे भी होते,
शिकायत भी होती हैं ।
लेकिन...
चाहत होती दोनों की,
चलता रहें यह जीवन सफर,
हमसफर के संग संग ।
सात जन्म तक ....