हमसफ़र
हमसफ़र
फकत दो चार दिन की बातों से,
ज़िन्दगी भर का साथ नही चलता,
महसूस जो दिल से न हो,
तो इश्क परवान नहीं चढ़ता,
गुलदस्तें में कटे फूलों की खुशबू से,
सफल इज़हार तो हो जाये, मगर,
उम्र भर का रिश्ता,
मुरझाए प्यार के साथ नहीं निभता,
मुहब्बत की कशिश बेशुमार हो,
तो कुछ बात है, वरना,
हर भंवरे को कली से प्यार नहीं मिलता,
फकत दो चार दिन की मुलाकातों से,
ज़िन्दगी भर का हमसफ़र नही मिलता।