हमसफ़र
हमसफ़र
जिनसे न मिलकर भी
उनके होने का हो एहसास ,
उम्र गुजारी किशोरी
लिए मिलन की आस ,
अनजाना चेहरा अनजाने विचार
और होगी कुछ बातें
जाने कहां कैसे मिलोगे
कैसे होगी वह मुलाकातें,
सोचते हुए दिन बिता
बीत गई यह रात
माता-पिता भी आस लिए
जाने कौन लाए बारात,
जानती हूं कुछ ऐसा होगा
हाल उधर भी
न सोई होगी सर्द रातों में
आंखें तो उनकी भी भीगी,
इसे संभाल रखना हे मनप्रीत
पूरी उम्र यही साथ देंगे
दिलाएंगे यह हमें जीत
जब मिलोगे भीड़ में
यह दिल तुम्हें ढूंढ लेगा,
मिलने पर हम क्या कहें
हर कोई हमें देगा बधाई
चलेंगे ताउम्र साथ तुम्हारे
चाहे जैसा भी हो हाल
कोई साथ हो ना हो
सुख दुख में चाहे छोड़ दे हमें वह लाल
हम साथ देंगे हमेशा
कट जाएगा जिंदगी का सफर,
मैं तुम्हें पूर्ण करूं
तुम मुझे पूर्ण करना
इसी को कहते हैं हमसफर,
कुछ कमी होंगी हममें
पर बहुत सी खूबियां भी होगी
साथ मिलकर पूर्ण करेंगे
पर कभी दूरियां नहीं होगी
दौर किशोर का बीता
जवानी भी बीत जाएगी,
परीक्षा तो तब होगी
जब उम्र असर दिखाएगी
व्यस्त होगा सबका जीवन
साथी भी होंगे कम
जब बच्चे भी साथ छोड़ देंगे
तो क्या साथ तो होगे हम ,
हर बुरे वक्त की तरह
वह वक्त भी कट जाएगा
साथ जो मुस्कुराकर चलेंगे
तब वह भी पछताएगा
दुआ करते हैं कि आए जब वह घड़ी
जीवन बिता साथ और
मौत सामने हो साथ खड़ी
साथ जीवन बिताया मुस्कुराकर
उसे भी अपनाएंगे
सफ़र जब हमारा हैं
मिलकर उसे भी गले लगाएंगे
सफर वह नहीं था जो साथ चले
सफर वह भी नहीं है जब हम साथ मिले
जब तन मिला, मन मिला ढलती रही जवानी
दिन बीते, रात कटी, बीत गई रवानी
साथ तेरा हर पल मिले, जब जब हो जरूरत
सुख-दुख सारे कट जाएंगे जब साथ हो तेरा खूबसूरत
यही होता है सच्चा हमसफ़र.......