हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि बिना ताला लगाये
घर से बाहर जा नहीं सकते
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि बच्चे बाहें खोल
घर से बाहर दौड़ नहीं सकते
बाहर
किसी को कहीं जल्दी पहुँचना है
बाहर गाड़ियाँ चल रही हैं
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि बाप
अभी ताज़ा-ताज़ा पैदा हुए बच्चे की प्यारी सी सूरत में
अपने बुढ़ापे की लाठी देखता है
वही बाप
जब बच्चा अपने क़दमों पे चलना चाहता है
तो रोकता है
उसे आगे खुले मैदान को भूल
पीछे से आने वाला रास्ता दिखाता है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि बच्चे
अब बूढ़े माँ बाप को
वृद्धाआश्रम में डालने से नहीं हिचकते
रिश्ते आँखों के सामने सिसकते हैं
फिर भी हम नहीं पसीजते
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि असली नींबू से हाथ धोते हैं
और नकली नींबू शरबत में पीते हैं
हमने चावल को ख़ूबसूरत बनाने के लिए
उसका माड़ निकाल लिया है
हमने दाल को चमकाने के लिए
उसे रगड़-रगड़ के चिकना कर लिया है
हमने सब्जी को ज़्याद: दिन तक
हरी-भरी दिखने के लिए
दवाइयाँ खोज ली हैं
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि इन दवाइयों के बुरे असर से बचने के लिए भी
दवाइयाँ तैयार कर ली हैं
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि जिस धर्म से आज तक
किसी का भला नहीं हुआ
उसी धर्म को बचाने के लिए
मर जाते हैं
मिट जाते हैं
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि मुहब्बत को ज़िन्दगी से निकाल
किताबों में सहेज दिया है
हमने जिस्मों को ढकने के लिए
कपड़े बनाये हैं
कपड़े
जो हमारे जिस्मों को ढकते कम
दिखाते ज़्याद: हैं
हमने घरों में
सपने दिखाने की मशीन लगा रखी है
n> चौबीस घण्टे चलती रहती है कोई साबुन कोई और बताता है हमने वक़्त को नाप लिया है नकली चाँद नकली सूरज चाँद पर भी पहुँचा दिया है हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है ईंट की मज़बूती की किसी के अरमान किसी की रात किसी का दिन हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है हमने हवाओं पे कब्ज़ा कर लिया है ज़मीन को बाँट लिया है हमने अपने-अपने मुल्क बना लिए हैं और मुँह की आवाज़ हमारी पहचान है हमने नदियों को अपनी मर्ज़ी बता दी है अब हमारी मर्ज़ी से बहती हैं पेड़ों की हमें उतनी ज़रूरत नहीं है इन पेड़ों को गिरा दिया है हमने ज़िन्दगी को आसान बना लिया है ठण्डी कर ली है हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है हमने इतना कुछ कर लिया है किसी अजनबी के चेहरे पे नाकाम रहे हैं हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है इन्सान से सँभल नहीं रहा है
ये मशीन
कोई तेल बेचता है
हमें हमारी ज़रूरत
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
हमने नकली आसमान
सबकुछ बना लिया है
हमने झूठ-मूठ का इन्सान
हमने इतनी तरक़्क़ी कर ली है
कि ईंट के भट्टे में कोई मज़दूर गिर जाए
तो हम मज़दूर की कम
फ़िक्र ज़्याद: करते हैं
मज़दूर तो फिर मुफ़्त में पैदा हो जाएगा
ईंट ख़राब हुई तो बुनियाद मज़बूत नहीं होगी
और हम जल जाने देते हैं
किसी के सपने
कि दो विश्व-युद्ध हम लड़ चुके हैं
और तीसरे की तैयारी चल रही है
सरहदें बनाकर
चेहरे की रंगत
नदियाँ
हमें पत्थर के मज़बूत घर बनाने हैं
इसलिए हमने अपने रास्ते की रुकावट
हमने हवा भी मुट्ठी में बन्द करके
हमने सूरज की गर्मी को इस्तेमाल करना सीख लिया है
कि बिना पैरों को तकलीफ़ दिए
कहीं भी आ जा सकते हैं
फिर भी हम
एक मुस्कुराहट लाने में
फिर भी इन्सान