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हमारे अपने

हमारे अपने

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हम सिर्फ तभी मुस्कुराते हैं,

जब अपने हमें अपना समझे।

हम सिर्फ तभी रोते हैं,

जब अपने हम से किनारा कर ले।


यानी कि दिल का धड़कना भी अपनों से,

दिल का रुकना भी अपनों से।


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