हमारा परिवार
हमारा परिवार
जहां मिलते भिन्न स्वभाव हैं ऐसा न और कहीं कोई धाम..
रिश्तों की खट्टी मिट्ठी चाशनी से बनता हैं हमारा प्यारा परिवार।
स्वादिष्ट व्यंजन सा स्वाद हैं इस में..
कभी मिर्च सी तीखी तकरार तो कभी जलेबी जैसा प्यार।
जब बात आती हैं आँधी तूफ़ान की तो
मिलकर एक साथ बन जाते हैं ऊंचे चट्टान।
बाकी सभी रिश्तों को नियम और शर्तें लागू हैं..
सिर्फ भगवान ने बांधी परिवार की डोर
होती सबसे मज़बूत हैं।
ऐसे अटूट विश्वास और प्यार की
बुलंद नींव पर हैं खड़ा हमारा परिवार।