बीड़ी - एक जहर
बीड़ी - एक जहर
क्या रक्खा है ऐसा इस बीड़ी में
जो ख़ुद को खोने का एहसास भी ना हो पाए तुझे ए इंसान
बीड़ी फूंकने नहीं दिया यह कलेजा ख़ुदा ने हमे
ज़िंदगी का असली मज़ा इसे जीने में हैं मेरे दोस्त
अपनों के प्यार संग दो वक्त की रोटी खाकर तो देख...
वही बीड़ी अपने हाथों से कुचलने का मन न करे तो बताना!