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Rajshree Vaishampayan

Abstract Inspirational Others

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Rajshree Vaishampayan

Abstract Inspirational Others

हर एक मुसाफ़िर

हर एक मुसाफ़िर

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ज़िंदगी के इस सफर के हम सब मुसाफ़िर

हर कोई निकला खोजने अपनी मंज़िल।

राहे भले हो अलग अलग सबकी

जिनका तय होता है मिलना

वो मिल ही जाते है आख़िर।

अमीर गरीब भुला भटका

यहां न कोई भेद भाव होता।

असली मज़ा तो तब आता है...

जब हर मुसाफ़िर एक दूजे को साथ लिए

मिल जुलकर यह सफर में आगे हैं बढ़ता।  


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