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Saurabh Sharma

Romance

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Saurabh Sharma

Romance

हम तो सुनते थे उधर जाते ही मर जाते हैं लोग

हम तो सुनते थे उधर जाते ही मर जाते हैं लोग

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कूचा-ए-जानां को कैसे पार कर जाते हैं लोग

हम तो सुनते थे उधर जाते ही मर जाते हैं लोग।

 

इश्क़ है इक आग, तुम जाना नहीं उसके करीब

जानते हैं सब मगर फिर भी उधर जाते हैं लोग।

 

दिल के कारोबार में शिद्दत का ग़म शामिल है, तो

आप बतलाएँ फिर इसमें क्यों उतर जाते हैं लोग।

 

पार करने को मुहब्बत का समन्दर चल पड़े

फिर भला क्यों बीच रस्ते में उतर जाते हैं लोग।

 

मौत के जब नाम आता ज़िन्दगी का यह वरक़

वस्ल के इस मोड़ पर क्यों आ के डर जाते हैं लोग।

 

जब मुहब्बत सायबां थी, दौर कोई और था

सुनते ही लफ़्ज़े-मुहब्बत अब बिफ़र जाते हैं लोग।

 

जिस पते पर इश्क़ रहता है, अजब-सा हाल है

हम जहाँ चलकर न जाएं दौड़ कर जाते हैं लोग।

 

 


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