" हम तो राही प्यार के "
" हम तो राही प्यार के "
सबको लेकर साथ चलो, आशाओं के दीप जलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
सबको लेकर साथ चलो, आशाओं के दीप जलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
कुछ में हिम्मत बची नहीं, कोई चलने से लाचार हुआ !
पाँवों में छाले पड़-पड़ के, पैर भी मानो बेजार हुआ !!
कुछ में हिम्मत बची नहीं, कोई चलने से लाचार हुआ !
पाँवों में छाले पड़-पड़ के, पैर भी मानो बेजार हुआ !!
उनके घावों को मरहम कर सांत्वना तो कुछ देते जाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
सबको लेकर साथ चलो, आशाओं के दीप जलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
जो अंधकार में डूब चुके, उसे ज्ञान दीप दिखाना है !
सुनसान वीराने बंजर में, फिर से फूल खिलना है !!
जो अंधकार में डूब चुके, उसे ज्ञान दीप दिखाना है !
सुनसान वीराने बंजर में, फिर से फूल खिलना है !!
हिम्मत देकर साथ उसे, कुछ उनमें अलख जगाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
सबको लेकर साथ चलो, आशाओं के दीप जलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
निःस्वार्थ भाव की सेवा से, हम जग को जीत ही जाएंगे !
आपदा कभी आए हम पर, तो हम उस से भीड़ जाएंगे !!
निःस्वार्थ भाव की सेवा से, हम जग को जीत ही जाएंगे !
आपदा कभी आए हम पर, तो हम उस से भीड़ जाएंगे !!
नई शक्ति की नई शृंखला, चारों दिशा में बनकर दिखलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!
सबको लेकर साथ चलो, आशाओं के दीप जलाओ !
राहों को प्रज्वलित करके, मंजिल तक उनको पहुँचाओ !!