हम राजस्थानी
हम राजस्थानी
वीरों की है ये धरती
इसमें ताकत सब ने भर दी
कहती बालू वाली मिट्टी
इसकी शौर्य कहानी
हम है राजस्थानी
वीर प्रताप ने चेतक चढ़ कर
युद्ध लड़ा था आगे बढ़ कर
ध्वजा उड़े अपनी अम्बर पर
इसकी अलग रवानी
हम है राजस्थानी
पुत्र से पहले देश हमारा
पन्ना धायं ने यही सिखाया
धन्य बनी वो पन्ना माता
पुत्र को कर बलिदानी
हम है राजस्थानी
जौहर करने की है ताकत
देश पे मरने की है चाहत
कण कण में है प्रेम मुहब्बत
कहती राजपूतानी
हम है राजस्थानी
सालासर के है बालाजी
खाटू वाले श्याम धणी जी
पूनरासर के वीर बली जी
झुंझन की महारानी
हम है राजस्थानी
सतियों की है ये नगरी
दूर से भर के लाते गगरी
इस धरती पर बसी हुई है
जाने कितनी ढाणी
हम है राजस्थानी
शहर गुलाबी सुंदर जयपुर।
सूर्य सा चम चम चमके उदयपुर
बीकानेर, चुरू और कोटा
सबकी यही कहानी
हम है राजस्थानी
