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rishi vijay

Romance

4  

rishi vijay

Romance

हम मिलेंगे फिर से...

हम मिलेंगे फिर से...

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एक शाम 

उसके साथ की आखरी मुलाकात 

बिछड़ते हुए एक वादा किया था उससे 


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


अस्पताल में आखरी साँस लेते हुए 

एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए 

क़यामत क आखरी सितारे के टूटने तक 

साथ न छोड़ने की कसमों के साथ 

इश्क़ की वही सारी रस्मों क साथ 


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


दुनिया के नए दौर में 

फिर से अजनबी बनकर 


तेरी गली के बहार नुक्कड़ पे

 हाथ में चाय का गिलास लिए 

की कब तू खिड़की से पर्दों को बेदार कर 

कांच की दरारों से 

एक नज़र मेरी तरफ देखेगी 

बस इसी इंतज़ार में 

टकटकी लगाए हुए


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


अस्पताल में आखरी साँस लेते हुए 

एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए 

क़यामत क आखरी सितारे के टूटने तक 

साथ न छोड़ने की कसमों के साथ 

इश्क़ की वही सारी रस्मों क साथ 


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


दुनिया के नए दौर में 

फिर से अजनबी बनकर 


तेरी गली के बहार नुक्कड़ पे

हाथ में चाय का गिलास लिए 

की कब तू खिड़की से पर्दों को बेदार कर 

कांच की दरारों से 

एक नज़र मेरी तरफ देखेगी 

बस इसी इंतज़ार में 

टकटकी लगाए हुए


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


वही गांव में,

पीपल की छाव में।,

पेड़ो में -पत्तों में,

सुर्खाब के जंगलों में , 


आसमान से ऊँचे पहाड़ों से बहते झरनों के किनारे 

रेत पर , 

एक दूसरे का नाम लिखते और मिटाते हुए 


हम मिलेंगे फिर से 


हरे घास के मैदानों में 

दोनों के दिलों में सुलग रहे, मोहब्बत के अरमानों में 

गांव के बीच सरहदों पे बने कुँओं में 

आधे जल के बुझे हुए चुलो के धुओं में 


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


मैखाने में आधी पड़ी बोतल के साथ 

तेरे नाम को नज्मों में पिरोते हुए 


पहले तेरे इनकार में 

फिर तेरे इज़हार में 

तेरे साथ रोके के लिए 

फागुन के महीने क इंतज़ार में 


हम मिलेंगे फिर से 


धूप में ,छाव में 

दोनों के दिलों में सुलग रही मिलन की आह में , 

गर्मी में , मूसलाधार बारिश में 

कंप-कंपा देनी वाली ठंडी की रातों में 

एक दूसरे के साथ जिस्मों से जिस्मों को लिपटे हुए 


एक दूसरे में सबकुछ खोते हुए, 


हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..


वही अस्पताल में आखरी साँस लेते हुए 

की कब तू मेरे माथे को चूम कर 

मेरी रूह को जिस्म से आज़ाद करेगी 

बस इसी इंतज़ार में 

रुखसती लेते हुए 

एक ही वादे के साथ 


की हम मिलेंगे फिर से 

हाँ हम मिलेंगे फिर से ..



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