Sushma Agrawal

Tragedy

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Sushma Agrawal

Tragedy

हम कौन हैं भाई

हम कौन हैं भाई

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मैं घुमक्कड़ जा रही थी, करने भारत दर्शन को,

दिल्ली से जा बैठी ट्रेन में, जो जाती थी देहरादून को...

मेरे सामने वाली सीटों में, कुछ बंदे बैठे हुए थे,

कुछ अपनी सुना रहे थे, कुछ अगले की सुन रहे थे...


पहला बोला...

टीचर हूँ, पाठशाला में पढ़ाता हूँ।

दो-चार ट्यूशनें रोज करता हूँ,

तब कहीं जाकर कुछ अच्छी जिंदगी जी पाता हूँ।


दूसरा बोला...

कहने को तो बड़ा बाबू हूँ।

आॅफिस में भी अपनी अच्छी साख है,

पर एक साड़ी ना ला देने पर, बीबी आज तक उदास है।


कहने लगा तीसरा... 

अपना तो खुद का अस्पताल है। 

पर फिर भी हाल बेहाल हैं, 

रोज खाता हूँ, बसों में धक्के.. बस एक कार का सवाल है। 


तीनों कह चुके थे। अब चौथे की थी बारी.

वह बोला... 


अपने हाल तो तुम सबसे अलग हैं भाई, 

थोड़ी सी कमाई में,भला अपनी कहाँ है समाई.. 

खाने-पीने की तो हमेशा रेलम-पेल है, 

हवा में उड़ना तो अपने लिए खेल है.. 

पाँच-सितारा होटलों में दावतें उड़ाते हैं, 

जब जी चाहे, बीबी का गहना बनवाते हैं.. 

हमारे आगे-पीछे, सिर्फ एक नहीं, 

बीसियों कारें घूमा किया करती हैं.. 

उनसे भी जब मन भर जाता है तो, 

और भी नई-नई आ जाती हैं.. 


यह कह कर वह धीरे से मुस्कुराया,

और एक गहरी चुप्पी लगा गया.. 

पहले तीनों ठगे से उसे सुन रहे थे,

और उसकी किस्मत से रश्क कर रहे थे.. 

एक लंबी चुप्पी के बाद,हिम्मत करके पहला बोला... 

ये सब तो ठीक है, पर यह तो कहो,

तुम काम क्या करते हो मेरे भाई??? 


सुनकर वह हौले से मुस्कुराया, और बोला... 

पूछते हो तो बतला देते हैं, 

राज की बात सुना देते हैं.. 

काम हम कुछ करते नहीं, 

बस भाषण व आश्वासन देना जानते हैं.. 

आम जनता को सुनहरे सपने दिखाना, 

और घोटाले करना हमारी हाॅबी है.. 

कूर्सी रूपी सत्तासुंदरी, जैसे ही पड़ती है हमें दिखाई , 

कर लेते हैं हम उससे, फौरन ही सगाई.... 

क्योंकि हम...... 


"इस देश के नेता हैं मेरे भाई 

नेता हैं मेरे भाई...." 


   



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