बंदर
बंदर

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गाँधीजी के तीन बंदर थे,
कान, आँख और मुँह पर हाथ रखे थे..
बुरा मत सुनो, बुरा देखो,
और बुरा मत कहो का संदेशा देते थे...
हमारे पास भी तीन बंदर हैं,
तीनों के हाथ, यथा स्थान रखे हुए हैं...
पर आज मायने बदल गये हैं,
इसलिए, संदेशे भी बदले हुए ही हैं...
वे हमारे दो नम्बर के,
काले कारनामों को अंजाम देते हैं...
अपनी "आँखों" से उन्हें देखते हैं,
और अपने "कानो" से उन्हें सुनते भी हैं...
पर "मुँह" से किसी को कुछ बताते नहीं...
क्योंकि वे हमारे अपने...
पाले हुए लठैत हैं!!! किलर हैं!!!
और शार्प शूटर हैं....!!!!