हम भी तुम्हें भूल जाते,
हम भी तुम्हें भूल जाते,


हम भी तुम्हें भूल जाते
अगर तुम हमें याद नहीं करते
मगर ये तो होना ही था
हमें तुमसे फिर से मिलना ही था
हम ये ग़ज़ल गुनगुनाते नहीं
अगर तुम यही लफ्ज़ लिखते नहीं
मगर ये तो होना ही था
दिले दर्द होठों पर आना ही था
चलो मिल के सपनों का जहाँ
हम बसायें
अगर हम नहीं मिल सके इस
जहाँ में
मगर यूं ही हमें बिछड़ना ही था
तो फिर क्यूँ जिये बिछड़ के इस
जहाँ में
हम भी तुम्हें भूल जाते
अगर तुम हमें याद नहीं करते..