हकीकत या फिर सपना
हकीकत या फिर सपना
ऑक्सीजन की कमी से बहुतों की सांसे टूट रही है
अस्पताल में भर्ती कई लोगों की किस्मत फूट रही है
लोग कहते है कि यह हकीकत है, या फिर सपना
जीवन नहीं बचा पा रहा आज, डाॅक्टर व परिवार अपना
बस बार बार एक ही खबर सामने आ रही है
ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान जा रही है
लोगों की टूटती सांसे अब धीरे धीरे कहने लगी
विकास की उंचाईयों की मंजिल अब ढहनें लगी
इतने अधिक भी मत दिखाओं लोगों को सपने
कोरोना महामारी में खो चुके है कई लोग अपने
जीवन बचाने वाली संस्थाएं अब खुले आम लूट रही है
वहां भी ऑक्सीजन की कमी से लोगों सांसें टूट रही।