हिसाब
हिसाब
हिस्सेदारी बराबर की ,इस तिजारत में
मैंने लिया , तो "ग़म" दिया तूने ।
दुरुस्त हुआ बही / खाता भी
किसी का मुनाफ़ा ,घाटा किसी का ।
ग़म देकर, मेरे इश्क़ जितना ही
" जोगी " क्या ख़ूब हिसाब किया तूने?
हिस्सेदारी बराबर की ,इस तिजारत में
मैंने लिया , तो "ग़म" दिया तूने ।
दुरुस्त हुआ बही / खाता भी
किसी का मुनाफ़ा ,घाटा किसी का ।
ग़म देकर, मेरे इश्क़ जितना ही
" जोगी " क्या ख़ूब हिसाब किया तूने?