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ananya rai

Tragedy

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ananya rai

Tragedy

हिंसा

हिंसा

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हिंसा -

ध्वनि, धुंवा , धूल में है 

राजनीति के मूल में है

हॉट में है 

कूल में है 

फूल में है 

शूल में है ।

गांधी के समर्थन में है 

प्रतिकूल में है ।

हिंसा से प्रदूषित है 

सम्पूर्ण वातावरण ।

ऐसे में प्रज्ज्वलित हो 

मानवता का दीप 

मोतियों से दमक उठें 

सागर के सीप ।


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