हिंसा
हिंसा
हिंसा -
ध्वनि, धुंवा , धूल में है
राजनीति के मूल में है
हॉट में है
कूल में है
फूल में है
शूल में है ।
गांधी के समर्थन में है
प्रतिकूल में है ।
हिंसा से प्रदूषित है
सम्पूर्ण वातावरण ।
ऐसे में प्रज्ज्वलित हो
मानवता का दीप
मोतियों से दमक उठें
सागर के सीप ।