हिन्दुस्तान मेरी जान
हिन्दुस्तान मेरी जान
मेरी जान है तू,
मेरी शान है तू,
बहु वीरों का,
आजान है तू।
हर मज़हब तेरा सिंगार करे,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
हर धर्म की महक फिज़ाओं में,
इन गलियों में, इन राहों में।
पग- पग भूमि बलि - बलि जाए,
वीरों की गाथाओं में।
गांवों, शहरों, गलियों के
हर जन का स्वाभिमान है तू,
हर मज़हब तेरा सिंगार करें,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
ईद, होली, बैसाखी
खेतों में फसलें लहराई,
इश्क के रंगों में रंग कर,
टोली मस्तानों की आई।
जहां लहू के रंगों में घुलकर,
आज़ादी की रुत आई,
वतन पे मिटने वालों ने
हंस - हंस के जान लुटाई।
उन आशिकों का महबूब,
उस प्रणय की ऊंची शान है तू,
हर मज़हब तेरा सिंगार करे,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
बसंती चोले में रंग कर,
आज़ादी हाथ है आई,
कोई मां खो बैठी बेटा,
किसी बहन ने खोया भाई।
तेरी सुबह की उजली किरणों से,
हर गली - कली मुस्काई।
अमृत महोत्सव वेला में,
फिर खुशी की रुत है आई।
देश प्रेम की विश्व धरा में,
अमिट छाप है छोड़ी,
इस विश्व महान एकता ने,
हर महा विपदा मोड़ी।
विश्व पुरातन धरातल में,
अविचल संस्कृति की शान है तू,
हर मज़हब तेरा सिंगार करे,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
तेरी शान से मेरा मान है मां,
तेरी हिफाज़त मेरा फ़र्ज़ सदा।
जो कफ़न तिरंगा पाऊं मैं,
तेरी मिट्टी में मिल जाऊं मैं,
मिले चरणों का तेरे प्यार सदा,
कर मुझ पर ए मां हक तू अदा।
मुझे फक्र है मेरी मां है तू,
मेरी आन बान और शान है तू,
मेरे लहू के हर एक कतरे का,
अबीर गुलाल रंग लाल है तू।
हर मज़हब तेरा सिंगार करे,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
मेरी जान है तू,
मेरी शान है तू,
बहु वीरों का,
आजान है तू।
हर मज़हब तेरा सिंगार करे,
हम सबका हिंदुस्तान है तू।
हम सबका हिंदुस्तान है तू......।
