STORYMIRROR

Bhoop Singh Bharti

Inspirational

4  

Bhoop Singh Bharti

Inspirational

हिंदी महिमा गान

हिंदी महिमा गान

1 min
303


आओ मिलकर गाथा गाये,

जन जन की ज़ुबान की।

संस्कृत से निकली हिंदी,

भाषा हिन्दुस्तान की।।

दुनिया में लोगों, भाषाएँ कई,

इनसे जागी है, आशाएं नई,

भिन्न-भिन्न सभ्यताएं, आई-गई,

संस्कृत से निकली है,

भाषाएँ सारे जहां की।


आज जग में लोगों, छाया अमेरिका,

मेरे देश के आगे, वो भी है फीका,

हमसे ही सीखा, जीने का सलीका,

आज नकल कर रहे हैं सारे,

हमारे वेद पुराण की।


भारत में भाषा, अनेक सुनो,

हिंदी है सबसे, भई नेक सुनो,

हम सबको बनाये, एक सुनो,

हिंदी हमारी मातृभाषा,

जय हिंदी हिन्दुस्तान की।


नर-नर में लोगों, नारायण रमता,

भारत में पाये, अनेकता में एकता,

हिन्दी मातृभाषा, दे हमको ममता,

'भारती' गाये गौरव गाथा,

अपनी ही ज़ुबान की।

आओ मिलकर गाथा गाये,

जन-जन की ज़ुबान की।

संस्कृत से निकली हिंदी,

भाषा हिन्दुस्तान की।।





Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational