STORYMIRROR

मनोज सिंह 'यशस्वी'

Inspirational

4  

मनोज सिंह 'यशस्वी'

Inspirational

हिंदी एक भाषा

हिंदी एक भाषा

1 min
318

 आओ सुनाऊँ तुम्हें एक भाषा,

 जिसमें रहती है सबकी आशा। 


 जहाँ एक अनुराग पलता यहाँ,

 ऐसी है हमारी हिंदी भाषा। 


 यात्रा इसकी संस्कृत पालि प्राकृत, 

 अपभ्रंश ही हमारी मातृ भाषा। 


 वेदों पुराणों महाकाव्यों में, 

 उल्लेख मिलता रहा एक नाम सा। 


 भारत में प्रथम विश्व में तीसरा,

 कीर्तिमान रचा हमारी भाषा। 


 दे अधिकार अब इसे इस जग में,

 बन जाए अब पूर्ण राष्ट्र भाषा। 


 कामना करता रहा 'यशस्वी' अब, 

 हो पूर्ण देशवासी अभिलाषा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational