शिक्षा - स्नातकोत्तर हिंदी, स्नातक एकाउंट पेशा - अककॉउंट
चाह रहा है यशस्वी, बस लोगो से यही। प्यार रहे यहाँ, रहम की चिता क्यों जलाये।। चाह रहा है यशस्वी, बस लोगो से यही। प्यार रहे यहाँ, रहम की चिता क्यों जलाये।।
कट रही रातें गिनकर तारे तेरे बिन। अगोरता रहता आँगन मै तेरे बिन। कट रही रातें गिनकर तारे तेरे बिन। अगोरता रहता आँगन मै तेरे बिन।
जीएसटी ही अब धर्म, कर्म, शर्म सब है, देख जरा देख आज के महंगाई को ! जीएसटी ही अब धर्म, कर्म, शर्म सब है, देख जरा देख आज के महंगाई को !
वेदों पुराणों महाकाव्यों में, उल्लेख मिलता रहा एक नाम सा। वेदों पुराणों महाकाव्यों में, उल्लेख मिलता रहा एक नाम सा।
ढूंढता रहा रेत में तिनका, पा न सका कुछ खास । ढूंढता रहा रेत में तिनका, पा न सका कुछ खास ।
कुछ तो आस जगा जा.... बरसात करा जा अब। कुछ तो आस जगा जा.... बरसात करा जा अब।
हाथ जोड़ विनती कर, गीता ज्ञान लिया अर्जुन ने।। पधारो हे नंद लाल, जगमगा रही धरा। हाथ जोड़ विनती कर, गीता ज्ञान लिया अर्जुन ने।। पधारो हे नंद लाल, जगमगा रही...