हिंद
हिंद


जो झुका नहीं कभी रुका नहीं,
उस देश के हम सब वासी है,
आज हिन्दुस्तान मना रहा जशन- ऐ -आज़ादी है,।।
जंजीरे तोड़ आज़ादी हमे मिली,
लाखों कुर्बानियों के बाद ये आज़ादी हमे मिली,
आओ उन वीरों की शहादत को याद करे,
आओ तिरंगे को हम नमन करे,
जो झुका नहीं कभी रुका नहीं,
उस देश के हम सब वासी है,
आज हिन्दुस्तान मना रहा जशन- ऐ -आज़ादी है,।।
जहां बहती गंगा की पावन धारा है,
वो भारत देश हमारा है,
यहां हर दिशा में कला है,
हर ओर संस्कार सभ्यता है,
जो झुका नहीं कभी रुका नहीं,
उस देश के हम सब वासी है,
आज हिन्दुस्तान मना रहा जशन- ऐ -आज़ादी है,।।
माथे पर चंदन का तिलक होठों पर प्राथना है,
यहां देश प्रेम भी एक आराधना है,
गुलामी की बेड़ियां तोड़ आज़ादी हमने पा ली,
कैद परिंदों ने पिंजरा तोड़ आसमान में उची उड़ान भर ली,
जो झुका नहीं कभी रुका नहीं,
उस देश के हम सब वासी है,
आज हिन्दुस्तान मना रहा जशन- ऐ -आज़ादी है,।।
हंसते हंसते वो वीर अपने जीवन को गंवा गए,
गुलाम भारत को आज़ाद हिन्द बना गए,
कोई जात कोई धर्म नहीं,
आपस में प्रेम रखो बैर नहीं,
जो झुका नहीं कभी रुका नहीं,
उस देश के हम सब वासी है,
आज हिन्दुस्तान मना रहा जशन- ऐ -आज़ादी है,।।
विविधता में भी कितनी एकता है,
हजारों है धर्म हजारों बोली है,
एक सूत्र में बंधा ये भारत है,
ना टूटे गा कभी इतना अटूट ये बंधन है,