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Ritu Vemurii

Classics

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Ritu Vemurii

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हे महादेव

हे महादेव

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छोटी सी पूजा से ही हो जाते प्रसन्न,

आशुतोष औघड़ दानी बाघाम्बर धारी भूतों से परितोष


सारी सृष्टि जिसकी दिवानी रहते वह कैलाश पर

मन से पुकार देख लो आते इक आवाज पर   


जग की भलाई हेतू पल में पी लिया हलाहल

हैं सभी के देव तुम हो बलवान या हो या निर्बल


साष्टांग नमस्कार तुझे हे नियति के नियंता!

हर लो यह विपदा हमारी बस यही प्रार्थना भगवंता


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