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SHIVAM CHANDER

Inspirational

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SHIVAM CHANDER

Inspirational

हे ईश्वर मुझे माफ करना

हे ईश्वर मुझे माफ करना

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              मुझे माफ करना

              मुझे माफ करना

            हे ईश्वर मुझे माफ करना


    हमेशा ही अपनी नकामियों पर तुझे कोसता रहा

    आज जिन्दगी के 70 वर्ष गुजार के पता चला

        कितनी बड़ी गलती कर दी मैंने


    अरे मैंने जो भी किया उसका फल मिला मुझे

     अगर अच्छाई की तो अच्छाई मिली मुझे

      अगर बुराई की तो बुराई मिली मुझे

      अगर झूठ बोला अपनों के साथ तो

      झूठे व्यक्तियों से मेरा भी सामना हुआ

   गाली दी तो गाली मिली निंदा की तो निंदा मिली

     अगर दुखाया दिल किसी का तो मेरा भी 

             दिल कई बार टूटा


       अपने एक प्यार की खातिर छोड़ा था

       मां बाप को वो भी छोड़ चली गई घर 

       मेरा सच माता पिता का दिल दुखाया

         था तो मेरा घर कैसे बस जाता


            किसी के आगे बढ़ने से

              मैं जलता क्यों था

          किसी ने अथक मेहनत की

             तो वह मुकाम पाया 

          मेरी मेहनत में कमी रह गई तो 

            किस्मत को क्या दोष दूं


       हमेशा ही खुशहाल जिंदगी देखकर 

        पूछता रहा मैंने ऐसा क्या कर दिया 

        जो इतने दुख भर दिए जिंदगी में

         आज देखा एक आदमी को 

       जिसके हाथ पैर ना थे कहने लगा 

         तो हाथ-पैर भगवान मुझे भी 

          दे देता तो उसका क्या जाता


      उस दिन जाना जिंदगी का एक और सच 

       अरे परेशानियां तो उनको भी बहुत हैं 

        जिनको ईश्वर ने सब कुछ दिया है 

    हाथ पैर मुझको भी दिए थे मैं फिर कोसता रहा 


         कभी फर्क नहीं किया ईश्वर ने

          अपने बनाए बंदों में यह तो 

        हम पर भी है ना कोई 24 घंटे की 

       मेहनत आसमान की बुलंदियों को 

        छूता है किसी के 24 घंटे भी नींद 

       और हंसी ठिठोली में निकल जाते हैं


       किस्मत किसी की खराब नहीं होती 

         मगर फर्क सिर्फ इतना ही है

  कोई मेहनत कर जिंदगी में सब कुछ पा जाता है 

  कोई किस्मत के भरोसे बैठ खाली हाथ रह जाता है


              मुझे माफ करना

              मुझे माफ करना


       मैंने तुम्हारी दी गई अनमोल जिंदगी

       व्यर्थ कर दी है हमेशा स्वार्थ की 

       जिंदगी जीए अपना ही भला सोचा

       मैंने फिर भी खुशी नसीब ना हुई 

       हमेशा दुखों से भरा रहा जीवन मेरा 

      ना जाना था किसी को खुश करने से 

    खुशी मिलती है और किसी के दुखो का

  निवारण करने से अपने भी दुख दूर हो जाते हैं


    अरे मौके तो जिंदगी ने मुझको भी दिए थे पर

    मैं समझ नहीं सका माता पिता की सुनी नहीं 

     गुरु की बातों पर चल ना सका, अब जाना 

    तेरी जिंदगी को तो मेरा जीवन जाने वाला है

    सोचता हूं एक बार और जी लूं तेरी जिंदगी को 

  जो ना कर सका इस जीवन में वही करना चाहता हूं

     क्या आप मुझे मेरा बचपन दुबारा दोगे 

     क्या आप मुझे मेरा बचपन दुबारा दोगे


             मुझे माफ करना

             मुझे माफ करना

           हे ईश्वर मुझे माफ करना



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