STORYMIRROR

Gulabchand Patel

Drama

1  

Gulabchand Patel

Drama

हैदराबाद

हैदराबाद

1 min
580


कहा जाता हैं विशाल है दुनिया,

मिल गई हमें पढ़ने यूनिवर्सिटी ओस्मानिया,


कितना सुहाना है ये हैदराबाद,

तभी तो मैं करता हूँ धन्यवाद,


पड़ता है यहाँ बहुत कम ठंडा,

ऐतिहासिक है ये गोलकोंडा,


करना है हमें सब चीजों से यकीन,

मिले हैं यहाँ बुद्धिमान प्रो मतीन,


हम सब को मिलाने जिम्मेवार प्रवीण,

कट गये असमियों के साथ सारे दिन,


जंगल होने पर न देखे यहाँ शिकारी,

बहुत मिलनसार है मैडम गांधारी,


कैम्पस यहाँ का है बहुत सुंदर,

मिल गई हमे तजग्न परविंदर,


छोटी छोटी बातें करते जैनेन्द्र,

अजयजी बोल रहे याने इन्द्र,


देखने लायक हैं सिटी रामोजी,

हमारे साथ दिल्ली से है रोमाजी,


चल नहीं रहा यहाँ चलन दीनार

देखा हमने ऐतिहासिक चार मीनार


मिला है हमें खाने में चावल साँभर

मानते हैं गुलाबचन्द सब का आभार


भारतवर्ष में मनाते हैं विजयादशमी

हमें याद रहेगा सुन्दर राजलक्ष्मी।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama