हाथ सीने पे बस आप रख दीजिए
हाथ सीने पे बस आप रख दीजिए
हाथ सीने पे बस आप रख दीजिये,
चाहता हूँ मेरा दिल धड़कता रहे..!
चाहते हो अगर ज़िस्म जिन्दा रहे,
साँस चलती रहे,दिल धड़कता रहे..!
एक जिंदगी बस अपनी दे दीजिये,
देख कर तुमको रूह को चैन मिलता रहे..!
तुम मिलो न मिलो ये जरुरी नहीं,
जिंदगी को मगर एक वज़ह चाहिए,
तेरी सूरत देख मुझको राहत मिले,
एक जीने का मक़सद तो दिखता रहे..!
मौत से कह दिया आ रही है अभी,
ज़िस्म हो जाएगा यार खाली अभी,
धड़कनों की,मुझे अब जरुरत नहीं,
पत्ता उम्मीद का एक हिलता रहे..!
ग़र मुनासिब लगे इल्तज़ा ये मेरी,
खौफ बदनाम होने का दिल में नहीं,
मेरी फ़रियाद,इसको समझ लीजिये
चाहतों का,चमन ये खिलता रहे..!
वरना अवि को और क्या चाहिए,
न तो गुलशन,नहीं गुलबदन चाहिए,
जिंदगी दाँव पर तो लगी ही हुई,
मान लो वह अगर रोज लिखता रहे..!