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Jahanvi Tiwari

Abstract Inspirational

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Jahanvi Tiwari

Abstract Inspirational

"हां मैं एक नारी हूं"

"हां मैं एक नारी हूं"

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हां मै एक नारी हूं

हां मैं एक नारी हूं,

है मेरा भी अस्तित्व कोई,

है मेरी भी कुछ आकांक्षाएं,


मेरा भी एक लिबास है खुद का,

जो सपनों के मोती से सजा मन के

अलमारी के किसी कोने में दबा है,


नहीं सोच सकती मैं खुद के बारे में क्योंकि,

मुझ पर पूरे परिवार की जिम्मेदारियों

और जरूरतों का दबदबा है,

यह घर मेरा और मैं इसकी जिम्मेदारी हूं, 


"हां मैं एक नारी हूं" 

बन कर पार्वती मैं स्नेह और दूलार करती

 घर की लक्ष्मी कहलाती हूं,

 बन सरस्वती करती शिक्षित,

है नहीं अपनी कोई भी सीमा लक्षित,

जब डाली कुदृष्टि किसी ने तो

काली बनकर संहारी हूं 


"हां मैं एक नारी हूं"

 कभी सीता सी पति भक्त बनी,

 कभी द्रौपदी सी सशक्त बनी, 

 कभी राधा बनकर प्यार किया,

 तो मीरा बनकर विश भी पिया,

सृष्टि की रक्षा करने को मैं

लाखों रुप भी धारी हूं

"हां मैं एक नारी हूं"


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