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Amresh Kumar Akela

Classics Drama Romance

5.0  

Amresh Kumar Akela

Classics Drama Romance

हाल-ए-दिल

हाल-ए-दिल

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509


क्या हाल है मेरे दिल का, कभी मुझ से पूछ कर तो देखो। 

मेरे मचलती निगाहों के सागर में कभी डूब कर तो देखो।।


गहराई में छिपे मोती जैसे प्यार बिखेर रखा है मैंने। 

कभी गोते लगाओ, इन मोतियों को छू कर तो देखो।

शांत - शीतल, निर्मल - पवित्र, प्रेममय भावों का पिटारा है वहाँ। 

फुर्सत में कभी खोल कर तो देखो।

क्या हाल है मेरे दिल का, कभी मुझ से पूछ कर तो देखो।।


तुम्हारे यादों का अंबार है, पास होने का एहसास है। 

हर बूंद में तुम्हारा अक्स छुपा है, कभी ढूंढ कर तो देखो।

क्या हाल है मेरे दिल का, कभी मुझ से पूछ कर देखो।।


तुम्हारी मुस्कुराहटों पर ही तो लुटता फिरा हूँ मैं,

ऐ सबब मुझ पर आजमा कर तो देखो, 

एक बार फिर मुस्कुरा कर तो देखो।

क्या हाल है मेरे दिल का, कभी मुझ से पूछ कर देखो।।


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धन्यवाद 😊


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