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Anupama Gupta

Inspirational

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Anupama Gupta

Inspirational

गज़ल

गज़ल

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एक शीशे को पत्थर बनाया गया है।

ठोकरों से ज्यादा ठुकराया गया है।।


गम सभी मेरे खुशियाँ सब उनकी

कुछ ऐसा हिस्सा बँटाया गया है।


खेल उनका, जीत हार उनकी

हमें तो बस मोहरा बनाया गया है।


खफ़ा रहे गुल हमसे हमेशा ही

काँटों को गले से लगाया गया है।


फरेब इश्क को हकीकत मान बैठा

इस दिले नादां को फँसाया गया है।


तोहफे में समेटे तन्हाई औ गम

यूँ जश्न ए इश्क मनाया गया है।


अपनो से कब निभ पाई अपनो की

बेगानों से अपनापन निभाया गया है



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