गुरू गुणों की खान
गुरू गुणों की खान


माटी को नव रूप देकर मूरत बनाई महान
उज्जवल सारी दुनिया, अद्भुत है वो ज्ञान
जीने की खो दे उम्मीद उसमें डाल दे प्राण
गुरू गुणों की खान हैं गुरू गुणों की खान।
संस्कार हमारे क्या है, उत्तम विचार क्या है
सिखाते है इस दुनिया को सदव्यवहार क्या है
शिक्षा के जगत में बनाते अमिट पहचान
गुरू गुणों की खान हैं गुरू गुणों की खान।
प्रशंसा और आलोचना का करते समायोजन
पूजन से कम नहीं मानते शिक्षा का आयोजन
नित नवीन बात सिखाकर बढा़ते हमारा मान है
गुरू गुणों की खान हैं गुरू गुणों की खान हैं।
साहस और हौसलों को बनाते हथियार है
प्रेम और अपनत्व का हमको देते उपहार हैं
ईश्वर से भी बढ़कर जहां में गुरू का स्थान है
गुरू गुणों की खान हैं गुरू गुणों की खान हैं।