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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

गुरु गाथा।

गुरु गाथा।

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मैं तो अपने गुरु के ही गुण गाऊँ

नैनों में उनकी नूरानी सूरत को

"परम भागवत" के अनूप लाल की

यश गाथा सबको मैं सुनाऊं

सत्संग सुधा रस का पान कराकर

"रामाश्रम" वाटिका में नित स्थान दिया

मजहब, संप्रदाय कुछ भी न इसमें

मनुष्य जीवन का अमूल्य सार दिया

जो भी जाता उनके दर पर

मात-पिता सम प्रेम किया 

नर में नारायण ही दिखता

अध्यात्म रस का है पान किया

अंतर्मन से जिसने जो है चाहा

सहज ही पल भर में है दिया

बुद्धि-विवेक उसको है मिलता

जिसने समर्पण गुरु को किया

रिश्ते-नाते सब भूल हैं जाते

जिसने सद्गुरु की शरण गही

गुरु ब्रह्मा,गुरु विष्णु,गुरु ही मात-पिता

वेदों की यही वाणी गुरु सम दूजा कोई नहीं।



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