khushi patel

Classics tragedy

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khushi patel

Classics tragedy

गुनाह

गुनाह

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 सह ले सारे दर्द और सारी तकलीफें, 

 होंठों से उफ तक ना कर, 

देवी है तू तो, सीधी गाय बन के रह।

बना दे अपनी देह को उनकी हवस का खिलौना। 

पर आवाज ना उठा, तू तो भारतीय नारी है,

तूने अब तक यही सब सहा है।

क्योंकि बोलना तो गुनाह है। 


तू बोलेगी तो वह तुझे मारेंगे पीटेंगे।

तू बोलेगी तो वो तुझे बाल पकड़कर घसीटेंगे। 

फिर चौराहे पर तेरे चेहरे पर ऐसिड फेंकेंगे। 

तू बोलेगी तो वो तेरे कपड़े फाड़ेंगे। 

तू बोलेगी उनके खिलाफ तो वो तुझे मौत के घाट उतारेंगे।


तू कलंक बन जाएगी इस समाज पर,

इक नासूर अपने घर परिवार पर।

समाज तेरे मां-बाप को ताने सुनाएगा।

समाज तेरे भाई बहनों की पढ़ाई छुड़वाएगा।


 इसलिए वापस ले ले वो सब कुछ

जो तूने उनके खिलाफ कहा है।

क्योंकि शायद तू भूल गई है कि बोलना तो गुनाह है।


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