गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी
गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी
सुनी है कहानियाँ बहुत,
पढ़ी है आजादी के किस्से।
स्वतंत्रता की लड़ाई में वीरों ने ,
कुर्बान किए हैं शरीर के हर हिस्से।
रहूँ ईमानदार अपने काम के प्रति,
देश इतना ही तो चाहे बस मुझसे।
मिला है काम पढ़ाने का मुझको,
देश की सेवा करती हूं जिससे।
नाम नहीं जिनके पहचान नहीं जिनकी,
प्रणाम करती हूं ऐसे भी वीरों को दिल से।