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विशाल जैन पवा

Inspirational

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विशाल जैन पवा

Inspirational

गुजरे जमाने

गुजरे जमाने

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यादों के झरोखे से गुजरे ज़माने की बात होती है,

कभी गम तो कभी ख़ुशी से मुलाक़ात होती है।

कौन कहता है की दुखोँ के क्षण हमेशा दर्द देते हैं।

वह भी एक दिन गुजरे ज़माने की बीती बात होते हैं।


जीवन में ख़ुशी के पल मन को हमेशा गुदगुदाते हैं,

इसलिए जिंदगी में गुजरे ज़माने सभी को सुहाते हैं।

गुजरे ज़माने में तो मान मर्यादा अदब होती थी,

बिंदास जीवन जीने की आदत गजब होती थी।


मानस तनाव व अवसाद में नहीं जिया करता था,

सभी परिस्थिति में जुवां का ध्यान रखता था।

रिश्तों में कद्र और सम्मान प्रतिक्षण होता था,

जन-जन का आदर सत्कार विलक्षण होता था।


संसाधनों का अभाव लेकिन जीवन खुशहाल था,

बच्चों को सुख की सौगात उनका ननिहाल था।

सदाचार की नैतिक शिक्षा बच्चों को दी जाती थी,

सादा जीवन उच्च विचार शिक्षित की निशानी थी।


सादगी और शालीनता में सुंदरता नजर आती थी,

लिवास से व्यक्तित्व की पहचान हुआ करती थी।

हृदय में जीवदया व करुणा की कली खिलती थी,

मानव में मानवता इंसान में इंसानियत दिखती थी।


दिल में परोपकार की भावना पल्ल्वित होती थी,

परिश्रम ही सफलता की कुंजी हुआ करती थी।

परम्पराओं और अन्धविश्वास का प्रचलन था,

मानुष ईश्वरीय शक्ति और कुकर्मों से डरता था।


देश में संस्कृति और सभ्यता बड़ी बलवती थी,

मित्रों की पार्टियां और महफिलें भी शरबती थी।

आधुनिकता की दौड़ में अपने अतीत को नहीं भूलना,

गुजरे ज़माने के अनुभवों से हमें हर पल है सीखना।


मेरा दुःख हमारे गुजरे ज़माने के कुकर्मों का फल है,

परमात्मा के आशीर्वाद से हमारा हँसता हुआ कल है।


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