:- चाहत
:- चाहत
हमारी चाहत ने तुझको अपना बना लिया धीरे-धीरे,
तुमको जाना न समझा बस अपना लिया धीरे-धीरे,
तेरी हर अदा को अपनी पसंद बना लिया धीरे-धीरे,
तेरे हर अंदाज़ को अब मन में बसा लिया धीरे-धीरे,
तेरी जुल्फों की घटा को परछाई बना लिया धीरे-धीरे,
तेरे दिल में बस जाने को ख्वाईश बना लिया धीरे-धीरे,
तेरी झुकी सी आँखों को अपनी नजर बना लिया धीरे-धीरे,
तेरे खुले हुए होंठों को अपनी आवाज बना लिया धीरे-धीरे,
अब और क्या इत्तेफाक रक्खूँ अपनी हसीं जिंदगी से ऐ विशाल,
अपनी हर सांस पर तेरा नाम लिखने को आदत बना लिया धीरे-धीरे।