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Bhavna Thaker

Drama Romance

5.0  

Bhavna Thaker

Drama Romance

गर्वित पे मरती प्रीत

गर्वित पे मरती प्रीत

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705


कितना संभालूँ दिल को, जुबाँ पर सिर्फ तेरा ही,

नाम आए तो क्या करुं, इस नादान दिल की,

चाहत को कोई ओर ना भाये तो क्या करुं,

तुमसा कोई जग में कहाँ गर्वित पे मरती है प्रीत मेरी।


करनी है ये कविता मुझे पुरी जो अटकी है,

तुम्हारे अहं से सिंचित अहसासो पर...

मैं भी चली हूँ पानी के बुलबुलों से तस्वीर में रंग भरने,

हथेलियों पे सपनो का आसमान लिये घुमती हूँ,

क्यूँ छंटती नहीं तुम्हारे गुरुर की बदली,

बेदर्दी से इश्क की आस लिये बैठी हूँ।


जब जब मैंने तुम्हारे अंदर खुद को तलाशने की बेसूमार कोशिश की,

तब तब तुम ने किवाड़ बंद कर दिये,

अपने दिल पर एक अनमने सा ताला लगाकर,

जब भी तुम्हें समझना चाहा मैंने ताल मेल

बिठाकर अपने विचारों से परे,

तबतब तुम मेरी अपेक्षाओं से परे एक दायरे में छुपे रहे।


जब जब मैंने करीब आने की कोशिश की,

तुमने समेट लिये अपने अहसासो के परवाज़,

ओर खिंच ली बंदिश की एक हलकी लकीर हम दोनों के बीच,

मैं पढ़ती हूँ जब तुम्हारे ख्वाबगाह की भाषा

रखती हूँ कुछ सपने उस हथेलियों पर।


तब तुम मूँद लेते हो पलकें अपनी एैसे मानों,

नींद के सताये नैन झुक रहे हो जैसे,

तुम्हारे मन की धरा से बखूबी परिचित मेरा दिल भाँप लेता है,

तुम में बसे रममाण गर्वित पुरुष को,

चाहत में आड़ंबर क्यूँ ?


क्यूँ दिल के दरवाजे खोल नहीं देते मेरे अहसासो को ड़गर मिल जाये,

जो भटकते है मंज़िल की तलाश में तुम्हारे दिल की दहलीज ढूँढते,

किस विध तुम्हें पाऊं जो मेरी पूर्णता की छवि उभरे तुम्हारे मन में।


कहाँ तुम्हारे पास वो आँखें जो देखे मेरी निगाहों की कशिश,

कहाँ तुम्हारे पास वो दिल जो सुने मेरी धड़कन की धुन,

कहाँ तुम्हारे पास वो रुह जो महसूस करें मेरे रुह में बसी तुम्हें पाने की तलब को।


गुरुर से लबालब तुम्हारी शख्सियत कभी नहीं,

समझ सकेगी एक चाहतसभर दिल की पुकार

तुम्हारे अर्थहीन,तर्कहीन अभिमान के आगे,

अब नहीं झुकाना मेरे असीम इश्क को।


पूर्णविराम रखती हूँ आज इस दिल के कोरे,

कागज़ पे लिखी थी जो एक अधूरी कविता अल्पविराम, पे अटकी,

तुम्हें पाने की हर कोशिश जब नाकाम रही तो,

करती हूँ आज मैं भी अपने दिल के दरवाजे।

बंद गर तुम नहीं तो कोई ओर भी नहीं,

होते जो दिल के ख्वाब सारे पूरे,

तो होती ये कविता भी मुकम्मल मेरी कभी॥


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