गर्व हिंदी भाषा पर
गर्व हिंदी भाषा पर
जन-जन की भाषा है हिंदी।
भारत की आशा है हिंदी।।
जिसके बिना हिंद जय जाए।
ऐसी जीवन रेखा है हिंदी।।
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा।
वो मजबूत धागा है हिंदी।।
पूरे विश्व में बोले जाने वाली।
तीसरी भाषा है हिंदी।।
संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है हिंदी।
बहनों को साथ लेकर चलती है हिंदी।।
यूं तो देश में कई भाषाएं और है।
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिंदी।।
जिसने काल को जीत लिया।
ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी।।
करते हैं तन-मन से वंदन।
जन-गण-मन की अभिलाषा का।।
अभिनंदन अपनी संस्कृति का।
आराधना अपनी भाषा का।।
भारत की माथे की बिंदी।
जो है हिंदी, जो है हिंदी।।
१४ सितंबर को ही क्यों।
याद आता है बस हिंदी बचाओ अभियान।।
क्यों भूल जाते हैं हम।
की हिंदी है अपनी शान।।
हिंदी बोलने में कैसी शर्म।
गर्व से बोलो हिंदी है हम।।
बढ़े चलो हिंदी की डगर।
हो केले फिर भी मगर।।
हिंदी - हिंदु - हिंदुस्तान।
कहते है सब सीना तान।।
असंख्यक है इसके उपकार।
करते हैं हम हिंदी भाषा से प्यार।।
मैं चाहूं की हर जन्म मिले।
हिंदुस्तान और मेरी प्यारी हिंदी।।
हर जन्म में मैं गर्व से कहूं।
हिंदी मेरी भाषा है, हिंदुस्तान मेरी जन्म भूमि।।
हिंदी मात्र भाषा नहीं।
संवेदनाओं का उद्गार है।।
जीने के बदलते ढंगों में।
भावनाओं का विस्तार है हिंदी।।
हर भारतीय की पहचान।
हिंदी हमारी शान।।
जन-जन की भाषा है हिंदी।
भारत की आशा है हिंदी।।